
इन्द्रः समत्सु यजमानमार्यं प्रावद्विश्वेषु शतमू...


इन्द्रः समत्सु यजमानमार्यं प्रावद्विश्वेषु शतमूतिराजिषु स्वर्मीळ्हेष्वाजिषु। मनवे शासदव्रतान्त्वचं कृष्णामरन्धयत्। दक्षन्न विश्वं ततृषाणमोषति न्यर्शसानमोषति॥ ऋग्वेद १-१३०-८।।🙏🌼 परमेश्वर सभी श्रेष्ठ यज्ञशील मनुष्यों की हजारों प्रकार से रक्षा करता है। दुष्ट आचरण करने वाले मानवता के शत्रुओं को उसी प्रकार भस्म कर देता है, जैसे अग्नि करती है। जो ज्ञान प्राप्त करने के लिए जिज्ञासु हैं, उन्हें ज्ञान प्रदान करता है। एक शासक को भी नियम तोड़ने वालों को दंड और श्रेष्ठ मनुष्यों की सहायता करनी चाहिए।🙏🌼 God protects all the noble Yajansheel human beings in thousands of ways. He destroys the evil conduct people who are the enemies of humanity in the same way as fire does. He enlightens the seekers of knowledge. For the benefit of noble people a ruler should also punish those who breaks the law. (Rig Veda 1–130–8)🙏🌼 #vedgsawana🙏🌼 🙏🌼🙏🌼🙏🌼🙏 मुझे अपनों की बहुत चिंता होती है, कृपया अपना ध्यान रखें, बाहर ना निकले।
Keywords
Subscribe for latest offers & updates
We hate spam too.