
आज का वेदमंत्र, अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवान...


आज का वेदमंत्र, अनुवाद महात्मा ज्ञानेन्द्र अवाना जी द्वारा, प्रचारित आर्य जीतेन्द्र भाटिया द्वारा, ऑडियो रिकॉर्डिंग सुकांत आर्य द्वारा🙏💐 उभे पुनामि रोदसी ऋतेन द्रुहो दहामि सं महीरनिन्द्राः। अभिव्लग्य यत्र हता अमित्रा वैलस्थानं परि तृळ्हा अशेरन्॥ ऋग्वेद १-१३३-१।।🙏💐 मैं सत्य और उत्तम कर्मों से द्युलोक व पृथ्वीलोक दोनों को पवित्र करता हूं। जो लोग दूसरों को मारना चाहते हैं उन्हें मैं नष्ट कर देता हूं और श्मशान में सुला देता हूं। 🙏💐 I purify both earth and heaven by truth and good deeds. I burn those wicked people who desire to slay others. I destroy them and put them asleep in deep pits. (Rigveda 1-133-1)🙏💐 #vedgsawana🙏 🙏💐🙏💐🙏💐🙏 आप और आपका परिवार बिल्कुल ठीक है ना, बाहर तो नहीं घूमने निकल रहे हैं। 💐🙏💐🙏💐🙏💐
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